रूखसत के फसानों को निगाहोंसे बयाॅं कर के
दिल में छुपे तुफाॅं को दिल में थमा कर के
रिश्तों की नीव को मजबुती अदा कर के
बढते रहो जिंदगी के सफर के हर मंजर को कैद कर के
राही बदल जाएंगे, रास्ते मुड जाएंगे
मंजिल की ओर चलते शायद साथ छुट जाएंगे
मगर जहन में बसे रिश्ते कायम रहेंगे
यादों के भरे आंगन ही जीने का सहारा बनेंगे
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