Monday, January 6, 2020

The last flight..

She kept smiling so that she could hide
But inside, every moment a part of her died

Cheerful as she was seen by many
Deep within her heart was not as shiny

Day by day her vibrant colours faded
The freshness that she carried slowly waded

The butterfly started to turn into a stingy bee
No one understood her sorrows nor could see

Her twinkles dimmed out slowly and slowly
Her beamish presence wasnt sought by any 

The kindness within her kept sinking
Her desire to live went on shrinking

It wasn’t her mistake nor it was her choice
She just needed friendly souls to get back and rejoice

Days went by, unheard remained her plight
After more and more struggle she decided to end her flight...


Saturday, July 27, 2019

सहारा..

रूखसत के फसानों को निगाहोंसे बयाॅं कर के 
दिल में छुपे तुफाॅं को दिल में थमा कर के
रिश्तों की नीव को मजबुती अदा कर के
बढते रहो जिंदगी के सफर के हर मंजर को कैद कर के

राही बदल जाएंगेरास्ते मुड जाएंगे
मंजिल की ओर चलते शायद साथ छुट जाएंगे
मगर जहन में बसे रिश्ते कायम रहेंगे
यादों के भरे आंगन ही जीने का सहारा बनेंगे

Wednesday, June 19, 2019

ती आणि तो

प्रिय तू,
मला आवडतोस तू...
मला पाऊसही आवडतो...
पावसातला तू त्याहून जास्त आवडतोस...
पावसात ती जर असेल तर त्यालाही खूप आवडतं आणि मलाही...
पण तिच्यापेक्षा मला तुझ्याबरोबर पावसात जायला जास्त आवडतं...

कधीकधी तीची company हवीहवीशी वाटते...
पण तू मात्र नेहमीच भेटावस असं वाटतं...
कधीही,कुठेही आणि तू आवडतोस अश्या सगळ्यांबरोबर तुला भेटायला जाम मस्त वाटतं...

कधीतरी तीला आणि तुला एकत्र भेटवेन...
तीचा स्वभाव strong, आणि तुझा मात्र कडक!!

#तीआणितो
#monsoonspecial #teaanicoffee

Monday, May 27, 2019

प्रेम असावं.....

प्रेम असावं शुभ्र आकाशासारखं 
तळपत्या उन्हातही आल्हाददायक वाटावं असं

प्रेम असावं चांदण्यासारखं
काळोखातही आधार वाटावं असं

प्रेम असावं समुद्रासारखं 
खळबळाटातही शांत वाटावं असं

प्रेम असावं पावसाच्या सरींसारखं
बरसून गेल्यावरही हवहवहवसं वाटावं असं

प्रेम असावं गुलाबाच्या फुलासारखं
काट्यांनाही झुगारून बहरून यावं असं

प्रेम असावं तुझ्या-माझ्यासारखं
असूनही नसल्यासारखंनसूनही असल्यासारखं वाटावं असं


Thursday, June 14, 2018

Parchhai....

ना आॅंसू दिखते हैं ना हॅंसी दिखती हैं
भीड में हर किसीकी सिर्फ परछाई दिखती हैं

अपना कहलानेवाले सब जैसे गुम हो गए हैं
साथ में बटोरी सारी यादें बिखर गए हैं

यूॅं तो हर कोई जाना पहचानासा लगता हैं
ढूंढने पर मगर हर चेहरा पराया बन जाता हैं

वक्त की रफ्तार से सब दौडते जा रहे हैं
रिश्तोंकी अहमियत को कुचले जा रहे हैं

सही-गलत की गुत्थी सुलझती ही नही हैं
दिल की उलझन बिगडती जा रही हैं

कश्मकश मन की बढती ही जा रही हैं
आईना भी अब पहचाननेसे इन्कार कर रहा हैं

Sunday, March 13, 2016

Kora Kagaz..










कोरे कागज पे कुछ लफ्झ गिरे पडे हैं..
किसी के सहलानेका इंतेझार जैसे कर रहे हैं..

एक दुसरे से वो अन्जान है, या शायद है एक दुसरे से वो खफा..
न कोई दुरिया है उनमें,नाही कोई नजदिकीया..

वक़्त गुजरते,कुछ लफ्झ अल्फाझ बनके एक दूसरे में बंध जाते है..
कोरे कागझ पे कोई कविता खुद ही जैसे जनम लेती है..

कुछ लफ्झ लेकीन कोने में ही रह जाते है..
सब का साथ निभाते निभाते खुद अकेले ही बह जाते है..

कागज मगर बिखरे लफ्झोन्को समेटनेकी कोशिश में लगा रहता है..
हर लम्हा मन जैसे जहन में पले खयालों को सुलझानेमें उलझा रहता है..

न जाने क्यू ये कागज हमारे मन जैसे लगने लगता है..
जब हसते रोते पलोन्को खुद में समाने की कोशिश में, कभी कभी ये कोरा ही रह जाता है..


Saturday, January 3, 2015

Rishtein........

ज़िन्दगी की राह में  कई रिश्तें बनते है...
कुछ रिश्तें सदा साथ रहते हैं, कुछ बस तजुर्बा देके बिछड़ते हैं...
कुछ उलझते  है, कुछ सुलझते है, कुछ गिरकर फिर संभलते हैं..

कभी ये ख़ुशी देते है, कभी यही गम भी बन जाते हैं..
ज़िन्दगी की सतह पर अपने निशान पीछे छोड़ जातें हैं..

हर रिश्तें की अपनी पहचान हैं..
कुछ मैं ख़ुशी हैं, कुछ में  है ग़म , कुछ कभी घुटन से बन जाते  हैं...

कुछ में अलग  रास्तें होकर भी एक मंज़िल होती हैं..
कुछ में रास्ता एक होकर भी कभी मंजिले अलग बन जाती हैं..

रिश्तोंका  बनना , रिश्तोंका टूटना ज़िंदगी का उसूल हैं..
 जो हाथ थामे, मुस्कुराए, सफर सुहाना बनाते है, वही रिश्तें दिल के करीब रह जाते हैं..